समाज ‘न्याय’ बर्दाश्त नहीं कर सकता ! इसलिए होता भी नहीं !
समाज ‘न्याय’ बर्दाश्त नहीं कर सकता ! इसलिए होता भी नहीं !
टू जी स्पेक्ट्रम मामले में फैसला आया है
अदालत ने उस समय के मंत्री सांसद और बाकी लोगों को बरी कर दिया है
कुछ लोगों को लग रहा है कि न्याय नहीं हुआ
हमारे समाज में न्याय ना होना
और अन्याय होते जाना, लगातार होता है
आज मैं आपको बताऊंगा कि ऐसा क्यों होता है
असल में आप न्याय और सत्य बर्दाश्त ही नहीं कर सकते
न्याय और सत्य आते ही आपका समाज गिर जाएगा
यह समाज इसकी अमीरी इसका धर्म इसकी सभ्यता
अन्याय और झूठ के सहारे ही खडी है
जिस दिन सत्य और न्याय हुआ
उस दिन यह समाज का ढांचा जो कि शोषक अन्यायकारी और झूठ को इज्ज़तदार बना कर पेश किये हुए है
धड़ाम से गिर जाएगा
और सत्य और न्याय की रोशनी फ़ैल जायेगी
फिर जो मेहनत करेगा वही सुख से जियेगा
जो बैठ कर अमीर बने हुए हैं वो भी काम करने के लिए मजबूर होंगे
आपके अपने मजहब के बड़प्पन का वहम तार तार हो जाएगा
आपकी ऊंची ज़ात का धोखा खुल जाएगा
इसलिए आप सच और न्याय चाहते ही नहीं हैं
मैंने अपनी ज़िन्दगी में बहुत सारे अन्याय खुद भोगे हैं
लेकिन मैं उनकी बात नहीं करूंगा
मैं उदाहरण के लिए एक दो मामले आपके सामने रखता हूँ
भारत का सीआरपीसी यानी दंड प्रक्रिया संहिता के मुताबिक़
अगर आप मेरे हाथ पर एक डंडा मार दें और मेरी हड्डी टूट जाए
तो मैं थाने जाऊँगा मेरा मेडिकल होगा और आपके खिलाफ एक रिपोर्ट दर्ज़ हो जायेगी
अगले दिन आपको अदालत के सामने पेश किया जाएगा आप पर मुकदमा चलेगा
सोनी सोरी ने कहा इस पुलिस के अफसर ने मेरे गुप्तांग में पत्थर भरे
सोनी सोरी का मेडिकल परीक्षण हुआ उनके शरीर से पत्थर के टुकड़े मिल गये
पत्थर के टुकड़े रिपोर्ट के साथ सुप्रीम कोर्ट की टेबल पर रख दिए गये
इस बात को सात साल बीत गये
आज तक सुप्रीम कोर्ट की हिम्मत नहीं हुई कि
इस मामले में आरोपी पुलिस अधिकारी के खिलाफ
एक रिपोर्ट दर्ज़ करने का भी आदेश दे दे
क्यों हिम्मत नहीं हो रही है सुप्रीम कोर्ट की आदेश देने की ?
दामिनी कांड में तो सुप्रीम कोर्ट ने चार लोगों को फांसी सुना दी थी
फिर सोनी सोरी के मामले में सुप्रीम कोर्ट क्यों डर गया
यही है पूरे मामले का रहस्य
आपकी पूरी अर्थ व्यवस्था दूसरों की ज़मीन छीनने पर चल रही है
आपके शहरों के लिए पुलिस जाकर गाँव पर कब्ज़ा करती है
पुलिस वालों से गाँव वालों का संघर्ष होता है
जो पुलिस वाला जितनी सख्ती से गाँव वालों को दबाता है उसे उतनी शाबाशी दी जाती है
सोनी सोरी की योनी में पत्थर भरने वाले पुलिस अधिकारी अंकित गर्ग को भारत के राष्ट्रपति ने वीरता पुरस्कार दिया था
मैं कह रहा था ना इन्साफ की जिद मत कीजिये
इन्साफ को तो आप बर्दाश्त नहीं कर पायेगे
अगर आपके लिए पुलिस और सेना ज़मीन लूटने बंद कर दे
तो आप शहर में बैठ कर क्या खायेंगे ?
आपकी अर्थव्यवस्था लूट पर ही चल रही है
इसलिए आप अपने अपने झूठे धर्मों के महान होने पर इतराते रहिये
अपनी खून से भीगी तरक्की पर गर्व कीजिए
सच्चाई और न्याय की जिद मत कीजिये
आप बर्दाश्त नहीं कर पायेंगे
यू वांट ट्रुथ ?
यू कान्ट हैंडल इट
(हिमांशु कुमार प्रसिद्ध गाँधीवादी कार्यकर्ता हैं। MediaVigil)