जब लखनऊ चला “बेयरफुट इन एथेंस”
MEHRU JAFFER

पद्मश्री राज बिसरिया का मैक्सवेल एंडरसन लिखित “बेयरफुट इन एथेंस” का हिन्दुस्तानी में रूपांतरण एक सामाजिक जिम्मेदारी का महत्वपूर्ण लम्हा है । यह नाटक लखनऊ में आयोजित किया गया था और इसे देख कर सुकरात द्वारा मन में गुनगुनाई जाने वाली प्रार्थना के साथ दर्शको ने सभागार छोड़ा ..
.... और आप सभी अन्य देवता जो इस शहर में रहते हैं, भीतर से मेरी आत्मा में सौंदर्य दें, बाहरी सुंदरता के लिए मुझमें संभावना नहीं है । क्या मैं मानता हूं बुद्धिमानों को और जिन लोगों को कम से कम देवताओं की तरह होना चाहिए । जो कुछ मेरे पास है मैं उससे तृप्त रहूँ मगर आत्म संतुष्ट नहीं बनूँ । मुझे जितना मिले उससे ज्याद: मैं दे सकूँ, मुझे नफरत से ज्यादा प्यार और जितना जी सका हूँ उसे से ज्याद: ज़िन्दगी मिले ।....
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