दबाव में जम्मू – कश्मीर पुलिस
शीर्ष पदों पर फेरबदल
जम्मू – कश्मीर पुलिस के ख़ुफ़िया विभाग के प्रमुख पद से ए. जी. मीर को हटाये जाने और उनकी जगह डॉ. बी. श्रीनिवास को लाये जाने के बाद से पुलिस महकमे में और भी बड़े बदलावों की अटकलें तेज हो गयी हैं. पिछले सप्ताह की अपहरण की घटनाओं की पृष्ठभूमि में राज्य के पुलिस प्रमुख एस. पी. वैद पर भी गाज गिरने के कयास लगाये जा रहे हैं.
खबरों के मुताबिक, 1986 – बैच के आईपीएस अफसर श्री वैद की जगह एस. एन. सहाय या दिलबाग सिंह या वी. के. सिंह को लाये जाने की संभावना है. श्री सहाय पहले भी इस राज्य में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. श्री वैद ने जनवरी 2017 में जम्मू – कश्मीर पुलिस के महानिदेशक का पद संभाला था.
राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध अनुसंधान विभाग) ए. जी. मीर को हटाकर उनकी जगह डॉ. बी. श्रीनिवास को केंद्र की अनुशंसा पर लाया गया है. आने वाले दिनों में पुलिस महकमे के शीर्ष पदों पर और भी कई बदलाव दिखायी देने की संभावना है.
श्री मीर को राज्य पुलिस के ख़ुफ़िया प्रमुख के पद पर महबूबा मुफ़्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी – भाजपा गठबंधन सरकार ने नियुक्त किया था.
एनडीटीवी चैनल पर पद से हटाये जाने की ख़बरों के जवाब में ट्वीट करते हुए श्री वैद ने लिखा, “@JmuKmrPolice दशकों से एक छदम युद्ध का सामना कर रहा है जिसमें जम्मू – कश्मीर पुलिस के जवानों और अफसरों को काफी साहस और दृढ़ इच्छाशक्ति रखने की जरुरत होती है. इस किस्म की कयासबाजियों वाली ख़बरों, जिससे उनके मनोबल पर असर पड़ता है, से बचा जाना चाहिए. @ndtv जहां तक तबादलों का सवाल है, यह एक नियमित गतिविधि है और सरकार का विशेषाधिकार है.”
खबरों में कहा गया कि शीर्ष स्तर पर बदलाव संभवतः राज्य में 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के बीच चार चरणों में होने वाले नगर - निगम के चुनावों से पहले किये जायेंगे. नगर निगम के चुनावों के तत्काल बाद राज्य में 8 नवंबर से 4 दिसंबर तक आठ चरणों में पंचायतों के चुनाव होने हैं.
खबरों के मुताबिक, पिछले गुरुवार को दक्षिण कश्मीर में दहशतगर्दों द्वारा तीन पुलिसकर्मियों एवं उनके आठ रिश्तेदारों के अपहरण के बाद उपजी परिस्थितियों से निपटने के जम्मू – कश्मीर पुलिस के तौर – तरीकों को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्रालय नाखुश है.
गौरतलब है कि हिजबुल मुजाहिदीन के कश्मीर प्रमुख रियाज़ नाइकू के पिता, असदुल्लाह नाइकू, समेत दहशतगर्दों के एक दर्ज़न रिश्तेदारों को राज्य पुलिस द्वारा छोड़े जाने के चंद घंटों के भीतर पुलिसकर्मियों के सभी अपहृत रिश्तेदारों को रिहा किया गया था.
अपहरणों का यह सिलसिला सुरक्षा बलों द्वारा कश्मीर में हिजबुल के फील्ड आपरेशन के उप – प्रमुख अल्ताफ़ कचरू को मार गिराये जाने के बाद शुरू हुआ. कचरू के मारे जाने के बाद शोपियां जिले में दहशतगर्दों के एक घातक हमले में चार पुलिसकर्मी मारे गये थे.
इसके जवाब में पुलिस द्वारा जहां दक्षिण कश्मीर के दर्ज़नों गांवों में छापेमारी कर दहशतगर्दों के साथ संपर्क होने के आरोप में करीब दो दर्ज़न लोगों को हिरासत में लिया गया, वहीँ दक्षिण कश्मीर के दो सक्रिय आतंकवादियों के मकानों को भी आग के हवाले कर दिया गया.
जम्मू – कश्मीर पुलिस दहशतगर्दों के ओवर ग्राउंड कार्यकर्ताओं की सूची का पुनरीक्षण कर रही है. दर्जनों भूतपूर्व ओवर ग्राउंड कार्यकर्ताओं को थानों में बुलाकर पूछताछ की जा रही है. इससे संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में दहशतगर्दों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आयेगी.