घाटी में भाजपा नेता की हत्या की सीबीआई जांच की मांग
सरकार द्वारा सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद गुलाम मोहम्मद मीर की हत्या
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संवेदनशील दक्षिण कश्मीर में अपने एक नेता की अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा की गयी हत्या की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो से कराने की मांग की.
अनंतनाग भाजपा जिला इकाई के उपाध्यक्ष 60 वर्षीय गुलाम मोहम्मद मीर को संदिग्ध हथियारबंद लोगों ने दक्षिण कश्मीर के वेरीनाग स्थित उनके आवास में घुसकर गोली मार दी. उनके पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
अनंतनाग संसदीय क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार सोफी युसूफ ने कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई से जरुर करायी जानी चाहिए और सभी दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए.
सरकार ने इस साल फरवरी में दर्जनों राजनीतिक नेताओं और कार्यकर्ताओं समेत मीर की सुरक्षा वापस ले ली थी. ऐसा जम्मू – कश्मीर पुलिस एवं कई अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा राज्य में सुरक्षा संबंधी खतरे की स्थिति की समीक्षा करने के बाद किया गया.
श्री युसूफ ने द सिटिज़न को बताया, “ यह (मीर की हत्या) एक षड्यंत्र है. मैं अनंतनाग से चुनाव जीत रहा था, लेकिन इस हत्या ने भय का वातावरण बना दिया है. हम प्रधानमंत्री से मिलकर उनसे इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की गुजरिश करेंगे.”
खबरों के मुताबिक, सुरक्षा संबंधी खतरों की समीक्षा के बाद गुलाम मोहम्मद मीर की सुरक्षा में लगे चार सुरक्षाकर्मियों को वापस बुला लिया गया था. श्री युसूफ ने बताया कि पिछले साल सितम्बर में आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाये जाने के बावजूद मीर साहब की सुरक्षा व्यवस्था हटा ली गयी.
उन्होंने बताया, “दहशतगर्द तब उनके घर में घुस गये थे और जब वे नहीं मिले तो उनके परिजनों के साथ मारपीट की थी. उनलोगों ने घर में तोड़फोड़ भी मचायी थी. उनकी हत्या राज्य प्रशासन की नाकामी का नतीजा है और हम इसकी सीबीआई जांच की मांग करते हैं.”
उन्होंने कहा, “यह सरासर राज्य सरकार की नाकामी है. देशभक्त लोगों को सुरक्षा नहीं दी जा रही है और इसके पीछे एक साजिश है क्योंकि सोफी युसूफ लोकसभा का चुनाव जीत रहा था.”
उन्होंने आगे जोड़ा, “हम नई दिल्ली में प्रधानमंत्री से मिलेंगे और सीबीआई जांच की मांग करेंगे.”
गुलाम मोहम्मद मीर ने दक्षिण कश्मीर के दूरू विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर 2008 और 2014 में चुनाव लड़ा था. हालांकि दोनों ही बार उन्हें सफलता नहीं मिली. श्री युसूफ ने बताया कि वे एक दशक से भी अधिक समय से भाजपा के साथ जुड़े हुए थे.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अल्ताफ़ ठाकुर ने बताया कि सुरक्षा वापसी के कदम ने उनकी स्थिति नाजुक बना दी. श्री ठाकुर ने कहा, “उन्होंने सुरक्षा वापसी के मुद्दे पर मुझसे चर्चा की थी. वे अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे.”
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की मुखिया महबूबा मुफ़्ती समेत मुख्यधारा के क्षेत्रीय नेताओं ने अनंतनाग संसदीय क्षेत्र में अंतिम चरण के मतदान से महज 36 घंटे पहले हुई हत्या की इस घटना की घोर निंदा की.
अनंतनाग संसदीय क्षेत्र के लिए हुए दो चरणों के मतदान में बहुत ही कम संख्या में लोगों ने वोट डाले और हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं. अतिसंवेदनशील शोपियां और पुलवामा जिलों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 6 मई को मतदान है.