गुजरात से भी उठी छापेमारी और गिरफ्तारियों के खिलाफ आवाज़
राज्य के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर जताया विरोध
गुजरात के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों एवं बुद्धिजीवियों के घरों में की गयी छापेमारी और उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में उठी आवाज़ के साथ अपनी आवाज़ मिलायी है.
एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर गुजरात के कार्यकर्ताओं ने वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं वकील सुधा भारद्वाज, एक़ॉनोमिंक एंड पॉलिटिकल वीकली के पूर्व संपादक एवं मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा, दलितों के आंदोलनों से जुड़े रहने वाले वकील अरुण परेरा, शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता वेरनान गोंजाल्विस, सेवानिवृत प्रोफेसर और तेलुगु के मशहूर कवि वरवरा राव, डा. भीम राव अम्बेडकर के परिवार से जुड़े डा. आनंद तेलतुम्बड़े और दलित – आदिवासियों के हक़ के लिए काम करने वाले फादर स्टेन स्वामी के खिलाफ की गयी कार्रवाई की कड़ी निंदा की है. उन्होंने सभी गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ताओं व बुद्धिजीवियों की तत्काल रिहाई की मांग की है.
अपने वक्तव्य में इन कार्यकर्ताओं ने कहा कि सुधा भारद्वाज छत्तीसगढ़ में पिछले 30 वर्षो से शहीद शंकर गुहा नियोगी के संगठन के साथ जुड़कर मजदूरों के हकों की लड़ाई लड़ रही हैं. एक जनपक्षीय अधिवक्ता के रूप में वो प्रदेश के वंचितों के अधिकारों के लिए लगातार जूझती रही हैं और सरकारी दमन के खिलाफ मानवाधिकारों की रक्षा के लिए तत्पर रही हैं. जब हाल ही में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने छत्तीसगढ़ के सुकमा के कोडासवाली गांव में एक जांच में उनका सहयोग मांगा था तब भी वह अपनी पेशेवर ईमानदारी और साहस के साथ पेश आईं थीं. अगर यही उनका दोष है तो वे तमाम लोग भी उतने ही दोषी हैं जो तानाशाही, फासीवाद और भूमंडलीकरण की ताकतों द्वारा पैदा खतरों और चुनौतियों का सामना रचनात्मक और आलोचनात्मक तौर-तरीकों से करते आ रहे हैं.
गुजरात के कार्यकर्ताओं ने आगे कहा कि आज पूरे देश में भय और आतंक का माहौल पैदा किया जा रहा है. दलित, आदिवासी, किसान, मजदूर और अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं. फासीवादी ताकतें सरकारी संरक्षण में हमले कर रही हैं - चाहे वह भीमा कोरेगांव हो या जशपुर के बछरांव गाँव, जहां उन्मादी भीड़ द्वारा आदिवासियों के संवैधानिक हकों को दर्शाने वाले शिलालेख को तोड़ा गया. भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली सरकारें अपने चहेते पूंजीपतियों की लूट को सुनिश्चित करने के लिए तमाम संवैधानिक व लोकतान्त्रिक अधिकारों को लगातार कुचल रही हैं. बड़े औद्योगिक घरानों की इस लूट और सरकार एवं फासीवादी ताकतों की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लोकतान्त्रिक व नागरिक अधिकारों के लिए खड़े होने वाले सामाजिक कार्यकताओं, बुद्धिजीवियों, वकीलों, पत्रकरों, छात्र - नौजवानों को षड्यंत्रपूर्वक फर्जी मामलों में जेल भेजा जा रहा है. पिछले दिनों भीमा कोरेगांव के नाम पर महाराष्ट्र में हुई गिरफ्तारियां इसका उदाहरण हैं.
अपने वक्तव्य में गुजरात के कार्यकर्ताओं ने कहा कि हमारा स्पष्ट मानना है कि अभी हाल में आतंक और भय फैलाने वाली गतिविधियों में सनातन संस्था का नाम जिस तरह से सामने आया है और इस संस्था के अख़बार में समय - समय पर देश को अस्थिर करने के जिस तरह के आह्वान सामने आये हैं, उसके बारे में अब गंभीर चर्चा शुरू हुई है. इसी चर्चा से देश का ध्यान हटाने के लिए ही देश के सामाजिक कार्यकताओं, बुद्धिजीवियों, वकीलों और पत्रकरों आदि के खिलाफ इस किस्म की कार्रवाई की गयी है.
गुजरात के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपने वक्तव्य के समापन में इन गिरफ्तारियों की एक बार फिर से कड़े शब्दों में निंदा की और सभी गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की रिहाई व झूठे आरोप लगाकर थोपी गई धाराओं को वापस लेने की मांग की. उन्होंने इस किस्म की कार्रवाई के खिलाफ जनता के बीच जाकर व्यापक जनआन्दोलन चलाने की भी बात कही.
इंसाफ गुजरात के संयोजक मुजाहिद नफीस के मुताबिक वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने वालों में निम्न लोग शामिल हैं –
मीना जाधव, अहमदाबाद
धनजी परमार, CITU सेकेटरी वड़ोदरा
जयंती मान्कडीया, प्रमुख, गुजरात दलित संगठन
शौक़त इन्दोरी, एसोसिएसन फॉर प्रोटेक्सन फॉर सिविल राइट्स, वड़ोदरा
रफ़ी मलेक, सामाजिक कार्यकर्त्ता, अहमदाबाद
नीता महादेव, गुजरात लोक समिति, अहमदाबाद .
मुदिता विद्रोही , गुजरात लोक समिति, अहमदाबाद
शहेनाज़ अंसारी, H.D.R.C.
जमीला खान, आदर्श महिला मंडल, अहमदाबाद
मासूम अली शेख, प्रमुख नेशनल पीस ग्रुप, अहमदाबाद
इकराम बेग मिर्ज़ा, सेक्रेटरी, एसोसिएसन फॉर प्रोटेक्सन फॉर सिविल राइट्स,गुजरात
स्नेहल शाह, सामाजिक कार्यकर्त्ता
हूरा बेन, प्रमुख महिला मंडल, तलोद, साबरकांठा
अब्दुल वहाब अंसारी, सामाजिक कार्यकर्त्ता, महेसाणा
फरीद पूरलवाला, प्रांतिज, साबरकांठा
सुलेमान खानजी, प्रमुख समस्त मोडासा मुस्लिम घांची समाज, अरवल्ली
जयंती पंचाल, जनरल सेक्रेटरी गुजरात मजदुर पंचायत
वकार काजी, अहमदाबाद
प्रज्ञा जोशी, PUCL, अहमदाबाद
प्रीति ओझा, सामाजिक कार्यकर्त्ता अहमदाबाद
स्वाति जोशी, सामाजिक कार्यकर्त्ता अहमदाबाद
नेहा शाह, सामजिक कार्यकर्त्ता अहमदाबाद
निमी चौहान, सामजिक कार्यकर्त्ता अहमदाबाद
जाह्न्वी, सामाजिक कार्यकर्त्ता अहमदाबाद
पल्लवी राजपाल, सामाजिक कार्यकर्त्ता अहमदाबाद
अज़ीम गिराच, एडवोकेट, अहमदाबाद
शकील शेख, MCC, अहमदाबाद
सुशीला प्रजापति, एकल नारी शक्ति मंच
दानिस कुरैशी, डेमोक्रेटि मुस्लिम फोरम, अहमदाबाद
जाग्रति जोशी, एडवोकेट
रेनू खुम्भानी, अधिवक्ता
अरविन्द खुमान, सामजिक कार्यकर्त्ता, राजुला
धवल चोपड़ा, सामाजिक कार्यकर्त्ता, जाम खम्भालिया