गुजरात के अमरेली में निर्दोष लोगों पर बरपा कहर
अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं और बच्चों पर लाठीचार्ज करने वालों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग
गुजरात में बच्चों और महिलाओं समेत निर्दोष लोगों के साथ कथित रूप से पुलिस, वन विभाग एवं बिजली विभाग (पश्चिम गुजरात विज निगम) के कर्मचारियों द्वारा मारपीट, तोड़फोड़ और लूटपाट की ख़बर सामने आयी है. इस घटना के विरोध में लोगों ने स्थानीय जिला कलेक्टर को आवेदन देकर दोषी लोगों के खिलाफ कठोर कानून कार्रवाई की मांग की है.
देर से प्राप्त सूचना के अनुसार, राज्य के अमरेली ज़िले के धारी तालुका के समरेडी गाँव में कथित रूप से पुलिस, वन विभाग एवं पश्चिम गुजरात विज निगम के कर्मचारियों द्वारा गांव वालो के साथ मारपीट करने और उनके घरो में घुसकर तोड़फोड़ और लूटपाट किये जाने की घटना से नाराज तकरीबन 300 गांववालों ने 21 फरवरी को ज़िला कलेक्टर को एक आवेदन देकर पुलिस, वन विभाग एवं बिजली विभाग के कर्मचारियों की ज्यादतियों की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कराने और दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाने की मांग की. सभी पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं.
कलेक्टर को दिये गये आवेदन के मुताबिक, यह घटना बीते 17 फरवरी के दोपहर की है. पुलिस, एल. सी. बी., एस. ओ. जी., वन विभाग, और पश्चिम गुजरात विज निगम के कर्मचारियों ने बहुत ही निर्दयतापूर्वक ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया. उन्होंने महिलाओ और बच्चो को भी नहीं बख्शा.
आवेदन में बताया गया कि गांव के लगभग 40 घरो में पुलिस ने घुसकर उनके घरेलू सामान, बच्चों के खिलोने, टी.वी., फ्रीज, पंखे, कार और मोटरसाइकिल आदि को बहुत ही बेरहमी से क्षति पहुंचायी और पानी भरने के पम्प जैसे जीवन की बुनियादी जरूरत के सामानों के साथ – साथ बाथरूम एवं शौचालय के दरवाजों को भी तोड़ दिया.
आवेदन में समरेडी गाँव के लोगो ने उनके पालतू पशुओं- गाय, भेंस, मुर्गी आदि के साथ भी मारपीट करने और उनमें से कुछ पशुओ को खोलकर भगा देने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने आलमारी में रखे गहनों के लूटने और कुछ ग्रामीणों की गिरफ्तारी की बात भी कही है.
ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से मांग की कि वो पीड़ितों को कानूनी मदद देने का तत्काल आदेश दें. उन्होंने यह भी मांग की कि समरेडी गाँव से विस्थापित हुए लोगों को क़ानून के संरक्षण में जल्द से जल्द फिर से बसाया जाये. सभी घरों में तोड़फोड़ के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण किया जाये व उन्हें आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अथवा राहत कोष से तात्कालिक वित्तीय सहायता दी जाये. क़ानून - व्यवस्था पर लोगों का विश्वास क़ायम रखने के लिए इस घटना के आरोपियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करते हुए फ़ौरन उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाये.
गांव वालो ने निर्दोष लोगों पर किये गये मुक़दमे वापस लेने और उन्हें निर्दोष घोषित करने की बात भी उठायी. उन्होंने पुलिस द्वारा लूटपाट किये गए सामानों और नक़दी वापस दिलाये जाने का भी अनुरोध किया. उन्होंने अपने मवेशियों के लिए चारा - पानी की तत्काल व्यवस्था का भी प्रश्न सामने रखा और इस संबंध में तत्काल कदम उठाने की जरुरत पर बल दिया.