भूतपूर्व कमांडर की संदिग्ध आतंकवादियों ने की हत्या
दक्षिण कश्मीर की इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था में गिरावट को रेखांकित किया
बुरी तरह अशांत दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में संदिग्ध आतंकवादियों ने राज्य समर्थित मिलिशिया ‘इख्वान’ के एक भूतपूर्व कमांडर की उसके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी. मृतक टेरीटोरियल आर्मी में कार्यरत था.
पुलिस के मुताबिक, मृतक मुख़्तार अहमद मालिक उर्फ़ मुख़्तार गोला की बंदूकधारियों के एक समूह ने कुलगाम जिले के शूरत नाम के गांव में उसके घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी. वह टेरीटोरियल आर्मी की 162वीं बटालियन में कार्यरत था.
पुलिस ने बताया कि गोली से घायल मुख़्तार को एक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना के फौरन बाद भारी तादाद में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और संदिग्ध अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया.
सूत्रों ने बताया कि मुख़्तार राज्य समर्थित कुख्यात मिलिशिया ‘इख्वान – उल – मुसलिमून’ का एक कमांडर था. एक समय इस मिलिशिया का इस्तेमाल सरकार ने कश्मीर में आतंकवाद को कुचलने में किया था और इस पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप भी लगते रहे.
इस हत्याकांड ने कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था में गिरावट को रेखांकित किया है. सुरक्षा की कड़ी चौकसी और घोर राजनीतिक अस्थिरता के बीच कश्मीर में अगले महीने से नगर निगमों और पंचायतों के चुनाव होने हैं.
पिछले कुछ समय से कश्मीर में छुट्टी बिताने अपने घर लौटे सुरक्षा बलों के जवानों को आतंकवादियों द्वारा लगातार निशाना बनाया जा रहा है. हाल में, 14 जून को 44 राष्ट्रीय राइफल्स के एक जवान, औरंगजेब, का आतंकवादियों ने उस समय अपहरण कर लिया जब वह एक निजी वाहन से कहीं जा रहा था. बाद में गोलियों से छलनी उसकी लाश पुलवामा से बरामद की गयी.
पिछले साल 25 नवम्बर को अज्ञात बंदूकधारियों ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के वोथमुला गांव में सेना के एक जवान की गोली मारकर हत्या कर दी थी. बांदीपोरा में 175वीं टेरीटोरियल आर्मी (इंजीनियर्स) का जवान इरफ़ान अहमद डार अपनी कार में घर से निकला था, लेकिन वापस नहीं लौटा. वोथमुला गांव के निकट एक बगीचे में स्थानीय लोगों को गोलियों से छलनी उसकी लाश मिली. डार, उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा में नियंत्रण रेखा के निकट गुरेज़ सेक्टर में तैनात था.
उसकी हत्या से कुछ महीने पहले सीमा सुरक्षा बल के एक जवान, मोहम्मद रमज़ान पर्रे को बांदीपोरा के हाजीन इलाके में उसके घर में घुसकर गोली मारी गयी थी. कुलगाम निवासी लेफ्टिनेंट उम्मेर फैयाज़ पर्रे नाम के सेना के एक अफसर की भी आतंकवादियों ने शोपियां जिले में 10 मई को गोली मारकर हत्या कर दी थी.
सेना का यह नौजवान अफसर अपने परिवार में एक शादी में शामिल होने के लिए छुट्टी पर था. आतंकवादियों ने उनके घर से उनका अपहरण कर लिया और बाद में उन्हें गोली मार दी. गोलियों से क्षत – विक्षत उनकी लाश शोपियां जिले के हरमन चौक से मिली. वे दिसम्बर 2016 में सेना में शामिल हुए थे और अखनूर जिले में तैनात थे.