कश्मीर में हिंसा का दौर जारी : आतंकवादियों ने तीन पुलिसकर्मियों को अगवाकर मारा
किसी आतंकवादी संगठन ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली
पुलिसकर्मियों एवं उनके रिश्तेदारों को अगवा करने के सिलसिले को दोहराते हुए संदिग्ध आतंकवादियों ने अशांत दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में तीन विशेष पुलिस अधिकारियों एवं एक पुलिसकर्मी के भाई का अपहरण कर लिया. तीनों अधिकारियों को मार डाला गया, लेकिन पुलिसकर्मी के रिश्तेदार को छोड़ दिया गया. पिछले महीने आतंकवादियों की इस किस्म की कार्रवाई ने सुरक्षा बलों को चौंका दिया था.
पुलिस सूत्रों एवं अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों में जिले के दो गांवों में धावा बोला और तीन विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) और एक आम नागरिक, जिसका भाई जम्मू – कश्मीर पुलिस में कार्यरत है, के घरों में घुस आये. उन चारों लोगों को अज्ञात स्थान पर ले जाया गया.
एसपीओ, जम्मू – कश्मीर पुलिस के लिए काम करने वाले वालंटियर हैं और उन्हें बेहद कम वेतन मिलता है.
अधिकारियों ने अगवा किये गये लोगों की पहचान फिरदौस अहमद कुचे, कुलदीप सिंह, निशार अहमद धोबी एवं फैयाज़ अहमद भट के रूप में की है. इनमें से फिरदौस और कुलदीप शोपियां जिले के बातगुंड गांव के निवासी हैं. जबकि निशार एवं फैयाज़ पड़ोसी कपरन गांव के रहने वाले हैं.
सूत्रों ने बताया कि फैयाज़ अहमद एक पुलिसकर्मी का भाई है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “जहां फैयाज़ को कोई नुकसान पहुंचाये बगैर रिहा कर दिया गया, वहीँ शोपियां जिले के दनगाम नाम के गांव के एक बगीचे से तीनों पुलिस अधिकारियों की गोलियों से छलनी लाश मिली. इस संबंध में एक मामला दर्ज कर लिया गया है और दोषियों को पकड़ने के लिए जांच जारी है.”
किसी भी आतंकवादी संगठन ने अपहरण या हत्या की कार्रवाई की जिम्मेदारी नहीं ली है.
यह दर्दनाक घटना दक्षिण कश्मीर के विभिन्न इलाकों में सुरक्षा बलों द्वारा लगातार चलाये जा रहे तलाशी अभियान की पृष्ठभूमि में हुई है. इन अभियानों में इलाके के सक्रिय आतंकवादियों पर हथियार छोड़ने के लिए दबाव बनाने के इरादे से उनके परिजनों को कथित रूप से हिरासत में लिए जाने की ख़बरें हैं.
पिछले महीने, दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों के परिजनों को हिरासत में लिए जाने के जवाब में हिजबुल और लश्कर के आतंकवादियों ने विशेष पुलिस अधिकारियों एवं राज्य के पुलिस विभाग के कर्मचारियों के रिश्तेदारों समेत 11 लोगों का अपहरण कर लिया था.
पुलिस द्वारा हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के परिजनों को छोड़े जाने के बाद ही आतंकवादियों ने सभी 11 लोगों को रिहा किया था. हिरासत में लिए गये लोगों को छोड़ने के निर्णय की वजह से जम्मू – कश्मीर के भूतपूर्व महानिदेशक को भी अपनी कुर्सी गवांनी पड़ी थी और उनकी जगह दिलबाग सिंह को लाया गया.
हालांकि, हिरासत में लिए गये लोगों को छोड़े जाने के कुछ दिनों के बाद सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर में दोबारा तलाशी अभियान शुरू कर दिया और आतंकवादियों पर हथियार छोड़ने के लिए दबाव बनाने के लिए उनके कुछ परिजनों को हिरासत में लिया.
हिजबुल मुजाहिदीन का कश्मीर प्रमुख रियाज़ नाइकू, जिसके पिता को पिछले छह सालों में कथित रूप से 100 से अधिक मौकों पर हिरासत में लिया जा चुका है, ने पुलिसकर्मियों को आतंकवादियों के परिवारों को निशाना बनाये जाने के खिलाफ चेतावनी दी है. आंतंकवादियों के परिजनों को हिरासत में लिए जाने की कार्रवाई नहीं रोके जाने की स्थिति में उसने सुरक्षा बलों के परिवारों को निशाना बनाने की धमकी दी है.