एक मां का बयान : “उन्होंने मेरे बेटे को पीटकर मार डाला”
मृतक के पिता को दिल का दौरा पड़ा
सरकारी सुरक्षा बलों पर एक 31 वर्षीय युवक के परिवार के सदस्यों ने उसे पीटकर मार डालने का आरोप लगाया है. इस सप्ताह की शुरुआत में राजधानी श्रीनगर में एक मुठभेड़ के दौरान उस युवक की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हुई थी.
अपने घर की पहली मंजिल पर बेकरी की दुकान चलाने वाले युवक, रईस सोफी, की मौत उस वक्त हुई, जब सुरक्षा बलों ने बीते बुधवार को श्रीनगर के बाहरी इलाके में फतेह कदल मोहल्ले में उसके चार – मंजिलों वाले घर में छापा मारा. मुठभेड़ में लश्कर – ए – तोइबा के दो आतंकवादियों साथ एक पुलिसकर्मी भी मारा गया.
रईस की मां, शकीला, ने बताया, “आधी रात को, सुरक्षा बलों के जवान हमारे घर में घुस आये और बिना किसी कारण के हमें पीटना शुरू कर दिया. उसके बाद वे ऊपर गये और रईस को पीटने लगे. वे उससे आतंकवादियों के पास उन्हें ले चलने को कहने लगे. मुझे उसकी चीखें सुनाई दे रही थी, जब वो कह रहा था कि वो निर्दोष है. लेकिन उन्होंने हमें ऊपर नहीं जाने दिया.”
परिवार वालों के मुताबिक, सुरक्षा बलों के लोग रईस को लेकर चले गये. और इसके बाद उसके पिता, हबीबुल्लाह सोफी, को दिल का हल्का दौरा पड़ा. शकीला ने बताया, “ रईस के भाई मुदासिर ने उन्हें (हबीबुल्लाह को) अस्पताल पहुंचाया. इस बीच, मुझे उम्मीद थी कि रईस जल्द ही घर लौट आयेगा.”
मुठभेड़ खत्म होने के बाद परिवार वालों को ज्योंहि यह मालूम हुआ कि रईस भी मारा गया, उनपर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. शकीला ने बताया, “जब वे लोग उसे (रईस को) लेकर जा रहे थे, तो मैंने उनसे उसे छोड़ देने की विनती की. वो निर्दोष था. उसका डेढ़ साल का एक बच्चा है और वो न सिर्फ अपने परिवार की, बल्कि हमारी भी देखभाल के लिए कड़ी मेहनत करता था.”
हालांकि पुलिस का कहना है कि जब “आतंकवादियों के साथ संपर्क स्थापित हुआ”, तो रईस ने मकान से बाहर आने से इनकार कर दिया. जम्मू – कश्मीर पुलिस के एक प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर बताया, “आतंकवादियों को शरण एवं सहायता मुहैया कराने वाले समूह के साथ रईस अहमद के रिश्ते के बारे में जांच की जा रही है.”
मुठभेड़ में लश्कर – ए – तोइबा का शीर्ष रणनीतिकार और फतेह कदल निवासी मेहराजउद्द्दीन बांगरू समेत दो आतंकवादी मारे गये. यह बांगरू ही था जिसने राजधानी श्रीनगर को दहशतगर्दी के मानचित्र पर लाया. सुरक्षा बलों द्वारा उस सघन बस्ती की घेराबंदी किये जाने के वक्त बांगरू अपने परिवार वालों से मिलने आया था. इस मुठभेड़ के बाद समूचे शहर में व्यापक विरोध प्रदर्शन भड़क उठा.