नयी लोकसभा में मुसलमान सांसदों की हकीकत

भाजपा से एक भी नही, कांग्रेस की टिकट पर सिर्फ दो मुसलमान जीते

Update: 2019-05-25 11:18 GMT

पिछले लोकसभा चुनाव मे भाजपा की “आंधी” मे जितनी संख्या में मुसलमान सांसद जीतकर आये थे, बिल्कुल उतनी ही तादाद में मुसलमान सांसद इस लोकसभा चुनाव मे भाजपा की “सुनामी” में जीतकर आये हैं. इस बार भी कुल 23 मुसलमान सांसद लोकसभा में होंगे. इनमें से भाजपा से एक भी नही और कांग्रेस पार्टी की टिकट पर सिर्फ दो जीते हैं.

इस लोकसभा चुनाव में जीतकर आने वाले मुसलमान सांसदो में असम से बदरुद्दीन अजमल व अब्दुल खालीक, केरल से ए.एम आरीफ व ई टी मोहम्मद बशीर, बंगाल से नुसरत जहां रुही, खलीलुर्रहमान, अबू ताहिर खान व सजदा खान, तेलंगाना से असदुद्दीन ओवैसी, महाराष्ट्र से इम्तियाज जलील, लक्ष्दीप से मोहम्मद फैजल, पंजाब से मोहम्मद सादिक, जम्मू कश्मीर से हुसैन मसूदी, मोहम्मद अकबर लोन, व फारुक अब्दुल्ला, बिहार से चौधरी महबूब अली कैसर व मोहम्मद जावेद, उत्तर प्रदेश से कुवंर दानिश अली, अफजाल अंसारी, एस टी हसन,आजम खान, हाजी फजलूर्रहमान व डा.शफीकुर्रहमान बर्क शामिल हैं.

भारतीय संसद मे 2019 के लोकसभा चुनाव में 23 मुसलमान सांसद चुने जाने के अलावा 1952 में 11, 1957 में 19, 1962 में 20, 1967 में 25, 1971 में 28, 1977 में 34, 1980 में 49, 1984 में 42, 1989 में 27, 1991 में 25, 1996 में 29, 1998 में 28, 1999 में 31, 2004 में 34, 2009 में 30, 2014 में 23 मुसलमान सांसद चुनाव जीत कर संसद में पहुंचे थे.

कुल मिलाकर, भाजपा ने मात्र तीन मुसलमान उम्मीदवार उतारे और कांग्रेस ने भी मुसलमान उम्मीदवार उतारने में कंजूसी बरती. गौर करने लायक बात यह है कि जहां से मुस्लिम गठबंधन या तीसरे फ्रंट से मुसलमान उम्मीदवार थे, उन सीटों पर कांग्रेस के मुसलमान उम्मीदवार उतारने के बावजूद मतदाताओं ने कांग्रेस के मुसलमान उम्मीदवारो में से एक को छोड़कर बाकी सबको नकार दिया.

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गठबंधन को भले ही बड़ी जीत न मिली हो, लेकिन यह महागठबंधन राज्य में 6 मुसलमान सांसदों को जिताने में कामयाब रहा.

एनडीए से सिर्फ एक मुसलमान सांसद जीता है. बिहार से लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के महमूद अली कैसर दोबारा जीतने में सफल रहे हैं.

वहीं तमिलनाडु से इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के टिकट पर नवाज कानी लोकसभा पहुंचे हैं.

यह देखना दिलचस्प रहेगा कि नयी लोकसभा में भाजपा से एक भी मुसलमान सांसद नहीं होने के बाद अन्य मुसलमान सांसद जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं.
 

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