कांग्रेस नेताओं की पहली पसंद मुस्लिम बहुल सीट से चुनाव लड़ना
मंदिर दर्शन से कांग्रेस का चुनावी शंखनाद
राजस्थान के दिग्गज कांग्रेस नेता यह मानकर चल रहे हैं कि मुस्लिम मत कांग्रेस के साथ है लिहाजा उनकी पहली पसंद मुस्लिम बहुल सीट से विधानसभा का चुनाव लड़कर सदन मे पहुंचना है। राजस्थान के हर जिले मे अधिकांश कांग्रेस नेता उस क्षेत्र के अपने मतो के गुणा भाग में उन मुस्लिम मतो को अपने जोड़ में मानकर फिर दूसरे मतो की गणना करता है। यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट व राष्ट्रीय महासचिव सीपी जोशी पर ही नजर डालें तो तीनो के विधानसभा चुनाव लड़ने की सम्भावना मुस्लिम मतो पर टिकी हुई है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब कांग्रेस की तरफ से जोधपुर से लोकसभा चुनाव लड़ते थे, तब एक दफा अब्दुल गनी सिंधी ने सैयद शहाबुद्दीन की इंसाफ पार्टी लोकसभा में उनके सामने पर्चा भरकर चुनाव क्या लड़ा था कि गहलोत उस चुनाव में बूरी तरह हार में गए। उसके कुछ सालो बाद गहलोत ने लोकसभा की बजाय मुस्लिम व माली बहुल जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना शुरू किया एवं मुस्लिम मत पाने के लिये बदले मे लगती सीट सूरसागर से कमजोर से कमजोर अपने खास मुस्लिम को टिकट देकर चुनाव लड़वाते अब तक जरूर आ रहे है। जबकि वह मुस्लिम उम्मीदवार आज तक जीत नही सका है। जबकि गहलोत के सियासत में उभार के पहले जोधपुर शहर से मुस्लिम विधायक अनेक दफा बनते रहे है।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट अभी तक पहले दौसा फिर अजमेर से लोकसभा का चुनाव लड़ते रहे है। लेकिन उनका अब नीशाना मुख्यमंत्री की कुर्सी पर होने के चलते जयपुर शहर की मतदाता सूची मे नाम जुड़वाने के बाद उनकी मुस्लिम बहुल सीट किशनपोल व आदर्श नगर में से कोई एक पसंद बताते है। जहां पर 35-40 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता बताये जाते है। इसी तरह पिछला चुनाव हारने वाले राष्ट्रीय महासचिव सीपी जोशी के भी नाथद्वारा की बजाय भीलवाड़ा की किसी सीट से चुनाव लड़ने की सम्भावना की चर्चा है जबकि उनका अंतिम दांव अजमेर जिले की मुस्लिम बहुल सीट पुष्कर व मसूदा पर चल सकता है जिसे हासिल करन के लिए अपने शिष्यवत अजमेर सासंद रघू शर्मा का सहयोग ले सकते हैं।
गहलोत-पायलट व जोशी तो केवल बानगी के तौर पर गिनाये गये कांग्रेस नेता है। हर जिले में मोजूद कांग्रेस नेता मुस्लिम मतों के कांग्रेस के रहन रखे होना मानकर चल रहे हैं। दूसरी तरफ कमोबेश सभी कांग्रेस नेता प्रदेश में मजबूत मुस्लिम लीडरशिप नही उभरने देने के लिये एकमत नजर आते है। जबकि राजस्थान मे मजबूत तीसरा पक्ष व कोई मुस्लिम नेताओं का दल मौजूद नही होने की वजह से जल्द ही मुस्लिम मतदाताओं का कांग्रेस से रहन रखे होने से छूटकारा मिलना भी मुश्किल नजर आ रहा है।
राहुल गांधी खाटूश्याम मंदिर दर्शन से चुनावी शंखनाद करेंगे
दूसरी तरफ यह भी खबर मिल रही है कि राजस्थान में मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के साथ होने वाले आम विधानसभा चुनावों के प्रचार की शुरुवात कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी मुस्लिम-जाट व दलित बहुल्य शेखावाटी जनपद के सीकर जिले के खाटूश्याम मंदिर के दर्शन के बाद सीकर शहर में विशाल सभा करके गुजरात की तर्ज पर चुनावी शंखनाद करेंगे।
हालांकि सीकर-चूरु व झुंझुनूं जिलों वाले शेखावटी जनपद के मुस्लिम व जाट बहुल्य होने के कारण जटू-कटू भाई भाई के गठजोड़ के आधार पर यह कांग्रेस का परम्परागत गढ माना जाता था लेकिन पिछले कुछ अर्से से पार्टी द्वारा मुस्लिम समुदाय की अनदेखी के चलते उनमें जारी आक्रोश व जाट समाज का भाजपा की तरफ खिसकने के चलते कांग्रेस की लूटियां डूबने लगी थी। लेकिन पिछले साल भाजपा के कद्दावर नेता रहे साबिक मरकजी वजीर सुभाष महरिया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद से जनपद की कांग्रेस में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। जानकार बताते हैं कि सुभाष महरिया को सभा व रैलियों में भीड़ जमा करने का खिलाड़ी मानकर ही राहुल गांधी के राजस्थान में चुनाव प्रचार की शुरुवात महरिया के क्षेत्र सीकर से आगामी दस अगस्त को मंदिर दर्शन व सभा करने का कांग्रेस हाईकमान ने तय किया है।
शेखावाटी जनपद के चूरु के छ: व झूंझनू के सात एवं सीकर जिले की आठ विधानसभा क्षेत्रो को मिलाकर कुल इक्कीस विधानसभा क्षेत्रों में पहले तो अधिकांश सीटो पर कांग्रेस का कब्जा होता था। लेकिन कभी कभार चूरु के राजगढ व सीकर की फतेहपुर, धोद व दांतारामगढ़ में वामपंथी भी विधायक बनते रहे है। शेखावाटी जनपद में मुस्लिम भी कांग्रेस के अलावा स्वतंत्र पार्टी, जनता पार्टी व जनता दल से विधायक जीतते रहे है। कांग्रेस से टिकट बंटवारे में सम्मान जनक प्रतिनिधित्व न मिलने के कारण गैर कांग्रेस दल से मुस्लिम हर दफा जनपद की किसी ना किसी सीट पर मजबूती से चुनाव लड़ते रहते आ रहे है। चूरु शहर से भालू खा, हमीदा बेगम व मकबूल कांग्रेस से, झुंझुनूं शहर से माहिर आजाद जनता दल से व सीकर की फतेहपुर से गफ्फार खां, अश्क अली व भवरु खां कांग्रेस से एवं आलम अली खां स्वतंत्र पार्टी व जनता पार्टी से अनेक दफा विधायक का चुनाव जीतते रहे है। इसी तरह राजस्थान के चुनावी इतिहास में लोकसभा चुनाव में केवल झूंझनू से दो दफा केप्टन अय्यूब खां सांसद बनने वाले एक मात्र मुस्लिम रहे हैं। लेकिन पिछले बीस साल में कांग्रेस ने शेखावाटी के मुस्लिम समुदाय को खास अहमियत देने की बजाय किनारे लगाकर रखा तो उलटे मुस्लिम समुदाय ने भी कांग्रेस की खाट खड़ी करने मे कोई कसर नही छोड़ी है।
शेखावाटी जनपद में कांग्रेस अपने परम्परागत मत जाट-मुस्लिम व दलितों को फिर से पूरी तरह साथ जोड़ कर अपनी खोई जमीन को हासिल करना चाहती है। लेकिन तीनो ही बिरादरी में छेद होने पर कांग्रेस के मंसूबों पर पानी फिर सकता है। मौजूदा समय मे जनपद की कुल इक्कीस सीटो में से सीकर जिले की नीमकाथाना, खण्डेला, श्रीमाधोपुर, सीकर व धोद से भाजपा विधायक जीते हुये है। लक्ष्मनगढ व दांतारामगढ़ में कांग्रेस व फतेहपुर से निर्दलीय विधायक है। चूरु जिले की सरदार शहर में कांग्रेस व सादुलपुर से बसपा का विधायक है। बाकी जगह भाजपा के विधायक जीते हुये है। इसी तरह झूंझनू जिले मे नवलगढ़ व मंडावा मे निर्दलीय व खेतड़ी में बसपा के अलावा सूरजगढ़ व झूंझनू से कांग्रेस व उदयपुरवाटी से भाजपा का विधायक है।