वाम मोर्चा ने त्रिपुरा के चारिलम क्षेत्र से अपना उम्मीदवार हटाया

हिंसा का खौफ बना पार्टी के इस फैसले की वजह

Update: 2018-03-11 10:29 GMT

त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा कथित रूप से जारी हिंसा के आलोक में शनिवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) की राज्य इकाई द्वारा चारिलम विधानसभा क्षेत्र में होने वाले चुनाव से हट जाने का फैसला लिये जाने की ख़बर है.

सीपीएम के उम्मीदवार रामेन्द्र नारायण देबबर्मा का निधन 11 फरवरी को प्रचार के दौरान ह्रदयगति रुक जाने की वजह से होने के कारण अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित 19 - चारिलम विधानसभा सीट पर चुनाव 12 मार्च तक के लिए टाल दिया गया था.

सीपीएम के प्रवक्ता गौतम दास ने बताया कि उक्त आशय का फैसला पार्टी की राज्य समिति की एक बैठक में लिया गया. पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी भी चुनाव के बाद हुई हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए त्रिपुरा पहुंचे थे.

राज्य के नवनियुक्त उप – मुख्यमंत्री जिष्णु देबबर्मन चारिलम विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार हैं. श्री देबबर्मन त्रिपुरा के राजपरिवार से आते हैं और भाजपा का मुख्य जनजातीय चेहरा हैं. भाजपा – आईपीएफटी गठबंधन के अधिकांश जनजातीय विधायक आईपीएफटी से ताल्लुक रखते हैं. रामेन्द्र नारायण देबबर्मा के निधन के बाद सीपीएम ने पलाश देबबर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया था.

सीपीएम के राज्य सचिव बिजन धर ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को एक पत्र लिखकर पार्टी के फैसले के बारे में सूचित किया. अपनी चिट्ठी में श्री धर ने लिखा, “ चूंकि सामान्य स्थिति बहाल होने तक अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित 19 - चारिलम विधानसभा सीट पर चुनाव स्थगित किये जाने के हमारे अनुरोध पर भारतीय चुनाव आयोग द्वारा विचार नहीं किया गया, लिहाज़ा 10 मार्च 2018 को 12 बजे आहूत एक बैठक में त्रिपुरा वाम मोर्चा समिति ने सर्वसम्मति से वाम मोर्चा द्वारा प्रायोजित सीपीएम के उम्मीदवार को इस चुनाव से हटा लेने का निर्णय लिया.”

पार्टी द्वारा 8 मार्च को चुनाव आयोग को सौंपे गए ज्ञापन की याद दिलाते हुए श्री धर ने अपने पत्र में लिखा, “ .... हमने स्पष्ट रूप से सीपीएम और आरएसपी के उन 11 पार्टी कार्यालयों का जिक्र किया था जिन्हें या तो ध्वस्त कर दिया गया था या लूट लिया गया था या फिर जला डाला गया था.”

उन्होंने आगे कहा, “हमने उस विधासभा क्षेत्र में त्रिपुरा मोटर श्रमिक यूनियन के दो कार्यालयों पर जबरन कब्ज़ा के बारे में भी बताया था. इसके अलावा, उस ज्ञापन में सीपीएम और वामपंथी पार्टियों के उन 58 नेताओं, कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों की सूची दी गयी थी जिनके घरों पर हमला कर जमकर तोड़फोड़ और लूटपाट मचायी गयी थी.”

श्री धर ने आरोप लगाया कि उस विधानसभा क्षेत्र में स्थिति और बदतर हुई है. उन्होंने कहा, “पिछले आठ मार्च को मध्य ब्रजपुर में एक सीपीएम समर्थक के दुकान में आग लगा दी गयी. पार्टी के दो अन्य समर्थकों की रबर की खेती को भी आग के हवाले कर दिया गया. एक और समर्थक के चावल - मिल को फूंक दिया गया.”

उन्होंने अपने पत्र में यह भी जोड़ा कि “हमारे सीपीएम का उम्मीदवार उस विधानसभा क्षेत्र से दूर रहने को मजबूर है. सुरक्षा के साये में भी वह उस क्षेत्र में घूमने में असमर्थ है.”
 

Similar News

Uncle Sam Has Grown Many Ears

When Gandhi Examined a Bill

Why the Opposition Lost

Why Modi Won