मध्य प्रदेश में दलित किसान को पैट्रोल डालकर जला देने की घटना

जाति के साथ जमीन भी दलित उत्पीड़न की वजह

Update: 2018-07-04 15:54 GMT

भोपाल से करीब70किलोमीटर दूर हिमोनी पंचायत के परसोरिया गाँव में जाटव (अहिरवारों) के टोले घाटखेड़ी में22जून2018को एक सत्तर वर्षीय वृद्धदलित किसान कोपेट्रोल डालकर ज़िंदा जला दिया गया।विवादखेती की ज़मीन को लेकर हुआ और पास के खेत मालिक तीरन यादव ने इसी विवाद में अपने परिवारजनों के साथ मिलकर इस वहशियाना घटना को अंजाम दिया।तीरन यादव भाजपा से जुड़ा हैं।

30जून, 2018को एक आठ सदस्यीय स्वतंत्र जाँच दल ने घाटखेड़ी औरबैरसिया का दौरा किया तथा पीड़ित परिवार के सदस्यों,ग्रामीणों और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाक़ात और बातचीतकी तथा मौका ए वारदात का मुआयना भी किया।

 


बैरसिया तहसील के दलित किसान किशोरी लाल और यादव के बीच यह विवाद दरअसल सन2002से चल रहा है जब साढ़े तीन एकड़ जमीन का पट्टातत्कालीन प्रदेश सरकारकीयोजना "दलित एजेंडा" के तहत किशोरीलाल जाटव को दिया गया था। तभी से तीरनयादव और किशोरीलाल जाटव के बीच क्लेश शुरू हो गया था।घाटखेड़ी के ग्रामीणों ने बताया कि वो सरकारी ज़मीन थी जिसका कुछ और उपयोग नहीं होता था। जब तक उक्त ज़मीन का हक़ किशोरीलाल को नहीं दिया गया था तब तक तीरन यादव ही अपनी ज़मीन से लगी हुई इस सरकारी ज़मीन को भी जोताकरता था। तीरन यादव कानूनी तौर पर १८ एकड़ ज़मीन का मालिक है।किशोरीलाल जाटव को करीब साढ़े तीन एकड़ ज़मीन उसी सरकारीज़मीन में से दी गयी थी जो पहले तीरं यादव अवैध रूप से जोतता था। ज़मीनदे दी जाने से तीरनयादव नाराज़ तो था ही,गाहे - बगाहे अपने गुस्से को वो बाहर आने से रोक भी नहीं पाता था और अनेक बार उनके बीच छुटपुट झड़पें और बहसें हुईं।यही नहीं दो साल पहले जो फसल किशोरीलाल ने बोई,और मेहनत करके बड़ी की,उसे पकने पर तीरन यादव और उसके बेटों - भतीजों ने मिलकरकाट लिया।

किशोरीलाल जाटव की पत्नी ने बताया कि करीब दो वर्ष पहले प्रधानमंत्री योजना के तहत इस जमीन से लगकर पक्की सड़क बन जाने से जमीन की कीमत बढ़ गई और इसके साथ ही यादव द्वारा किशोरीलाल को प्रताड़ित करने की प्रक्रिया कठोर होने के साथ-साथ बढ़ गईं। पिछले वर्ष किशोरीलाल द्वारा बैरसिया थाने और वहाँ सुनवाई न होने पर भोपाल के हरिजन थाने में भी रिपोर्ट दर्ज करवाई जिसकी कोई सुनवाई नहीं हुई और न ही कोई प्रक्रिया आगे बढ़ी। यहां उल्लेखनीय है कि हत्या का आरोपित तीरन यादव भाजपा के मंडल के पिछड़ा वर्ग मोर्चेका प्रमुख पदाधिकारी है। उनकी पत्नी ने बताया कि22जून को सुबह पति-पत्नी जब होने खेत पर पहुँचे तो देखा कि तीरन यादव ट्रेक्टर से खेत जोत कर सोयाबीन कीबुवाई कर रहा था। उसके साथ उसके बेटे भी थे। अपने खेत में उसे बुवाई करते देख किशोरीलाल ने तीरन यादव और उसके बेटों को भला बुरा कहा। उसके भतीजे भी आ गए और उन्होंने किशोरीलाल पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। दो मिनट में ही सब ख़त्म हो गया।

 


जाँच दल के सामने घर की महिलायें बार-बार यह बात दोहराती नज़र आयी की बड़े लोगोंके बीच जमीन की बात पर झगड़े पहले भी हुआ करते थे,जिसमें दबंगों द्वारा हम गरीबों को खेती करने से रोकना,डराना,धमकाया,जातिगत गालियां देकर प्रताड़ित करने की घटनाओं तो बहुत होती थी,लेकिन हमें नही मालूम था कि लोग इतनी निर्दयता पर उतर आयेंगें और एक इंसान को इस तरह सरेआम जिंदा जलाकर मार डालेंगें। ऐसे कृत्य को अंजाम देने वाले को भी ऐसी ही सज़ा मिलनी चाहिए। पूरे परिवार का बस यही कहना है,हमें बहुत से लोग मिलने आ रहे हैं जिसमें नेता,राजनेता,सामाजिक कार्यकर्ता सभी शामिल हैं हमारी सभी से गुजारिश है कि हमें केवल इंसाफ दिलाने में मदद करें।

प्रशासन की और से पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान करने के लिए गांव मे पुलिस बल तैनात कियें जाने सम्बंधी बात कही गयी थी लेकिन टीम को मौके पर और टोले के आस-पास कोई भी पुलिसकर्मी नजर नही आया। इसके पश्चात टीम द्वारा इस सम्बंध में एस.डी.एम. बैरसिया से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया जिसमें जानकारी प्राप्त हुई की अनु.जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत् मुआवजे की आधी राशि करीब चार लाख रुपयेपीड़ित परिवार के खातें में जमा करा दी गई है तथा पीड़ित परिवार की मांग पर उनकी जमीन के समुचित सीमांकन के लिए भी प्रशासन की ओर से प्रस्ताव तैयार कर भेज दिया गया है। इसके अलावा जांच टीम द्वारा बतायी स्थितियों के आधार पर त्वरित रूपसे पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था हेतु चाक चौबंद करने के लिए आदेशित किया गया। किशोरीलाल के चारों बेटे मज़दूरी करते हैं और गरीबी के साये में ज़िंदगी बसर करते हैं।

 


जाँच दल को यह भी लगता है कि पुलिस और प्रशासन भी जाति के मसले पर बहुत पूर्वाग्रही है औरइसके लिए आवश्यक है कि पूरी जाँच की कार्रवाई शुरू से अनुसूचित जाति - जनजाति के अधिकारों के लिए संघर्षरत संगठनों और मानवाधिकार संगठनों की सजग नज़र रहे ताकि दबाव,धमकी या लालच जैसे अपराधियों को बचने के उपाय बेअसर किये जा सकें।

इस स्वतंत्र जांच दल में प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय सचिवविनीत तिवारी (दिल्ली),वरिष्ठ पत्रकार श्री राकेश दीक्षित (भोपाल),अखिल भारतीयकिसान सभा के राज्य महासचिव प्रहलाद सिंह बैरागी (सीहोर),अखिलभारतीय महिला फेडरेशन मध्य प्रदेश की राज्य सचिव सारिका श्रीवास्तव (इंदौर),आंबेडकर सामाजिक न्याय केन्द्र केअजय सहारे (भोपाल),साझा मंच केरघुराज (दिल्ली),छात्र युवा संघर्ष समिति के मुन्नालाल सिंह चौहानएवं अर्पित शर्मा (भोपाल)सम्मिलित थे।

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