विश्व बैंक से दो बार लिया कर्ज, मुख्यमंत्री का सरकारी आकड़ों में सिर्फ 26% घर बनाने का ही दावा

फिर भी कोशी को बेहतर बना देने का दावा जारी है

Update: 2018-08-22 12:19 GMT

बिहार में कोशी त्रासदी 2008, के तबाही व हृदय विदारक मंजर के गुजरे 10 वर्ष पूरा हो गये। त्रासदी के पीड़ितों के लिए विश्व बैंक से दो बार कर्ज लिए गये इसके बावजूद सरकार द्वारा पूर्ण क्षतिग्रस्त घरों की संख्या के 26% घर बनाकर सूबे के मुख्यमंत्री ने घर बनाने की योजना बंद करा दी और जन सभाओं में पहले से बेहतर कोशी के निर्माण कर देने का दावा कर दिया| इतना ही नहीं इस राष्ट्रीय आपदा के जांच के लिए बनी न्यायिक जाँच आयोग की रिपोर्ट पर किसी को दंडित नही किया गया।

कोशी नव निर्माण मंच द्वारा अम्बेडकर कल्याण छात्रावास में कुसहा त्रासदी के 10 वर्ष पर आयोजित विमर्श के बाद जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय ने एक विज्ञप्ति में बताया है कि इस त्रासदी के बाद पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्यो के लिए कोशी फ्लड रिकवरी प्रोजेक्ट नाम से बिहार सरकार ने 220 मिलियन अमेरीकी डालर का विश्व बैंक से कर्ज लिया, पुनः कोशी बेसिन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट नाम से 250 मिलियन अमेरिकी डालर का कर्ज आया हैं| इन दो बार के विश्व बैंक से कर्ज के बावजूद आज भी कोशी वासियों के दर्द कम नही हुए हैं| सरकार की कोशी फ्लड नीड्स एवं एसेसमेंट रिपोर्ट ही कहती हैं कि 236632 घर इस आपदा में पूर्ण रूप से ध्वस्त हुए परन्तु आज तक 62000 लगभग घर ही बन पाये हैं, जो कुल के लगभग 26% हैं|

मधेपुरा में उस वक्त सी आर ऍफ़ के फार्म 9 में 92343 घर पूर्ण रुप से ध्वस्त होने का उल्लेख हैं उसके अलावा नगर निकायों मुरलीगंज और मधेपुरा में 3672 घर पूर्ण रूप से ध्वस्त हुए थे, इनकी क्षति के लिए वितरित होने वाली राशि में भी 436997000 की अर्थात 85% राशि वितरित नही की गयी जबकि इसके अलावा आंशिक क्षति वाले 33447 लोगों के घर ध्वस्त हुए थे| इसी प्रकार अन्य क्षतिपूर्ति की स्थिति हैं| आज भी 2008 के बाढ़ में मृतक अनेक लोग अनुग्रह अनुदान के लिए भटक रहे हैं| ऐसे हालात में यह समजा जा सकता है कि उस बाढ़ के लापता दर्ज लोगों को कौन पूछता हैं जिनकी संख्या 3500 सरकारी आकड़ों में दर्ज हैं|

उसी प्रकार पुनर्वास पर बनी चार चरणीय योजना में मात्र दो चरण के लिए 28000 घर बनाने की योजना शुरू हुई| जिसे अब समाप्त कर दिया गया जबकि दूसरा चरण भी पूरा नही हो पाया हैं| सी आर एफ के फार्म 9 की सूचि के 64343 घर, नगर निकायों के 3672 कुल 68015 वंचित रह गये और अंशिक क्षति के घरों 33447 को जोड़ दें कुल 101462 लोग वंचित रह गये|

त्रासदी की जांच के लिए बने जांच आयोग की रपट पर किसी को दंडित नही किया गया हैं| पिछले वर्ष आयी बाढ़ ने सरकार के बाढ़ के खतरों को कम करने और दीर्घ कालीन योजना बनाने की पोल खोल दी हैं| पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील कोशी अंचल में आपदाओं का अनेको बार सामना करते किसानों को आज भी न्यूनतम समर्थन मूल्य नही मिल पाता हैं न ही कोशी क्षेत्र में नगदी फसल के रूप में मक्के के क्रय की कोई सरकारी व्यवस्था हो पायी हैं| पलायन बदस्तूर जारी हैं| पलायन करने वाले लोगों की योजनाये आज भी धरातल पर नही उतरी हैं| कुछ ठेकेदारी पर निर्माण के कार्य जरुर हुए हैं। बीरपुर में भव्य भवन बना हैं ।अफसरशाही और बड़े ठेकेदारों के चश्में से देखते हुए राज्य के मुखिया ने दावा किया हैं कि पहले से बेहतर कोशी हमने बना दिया हैं|

विमर्श में हिस्सा लेने वालों में प्रभात कुमार भारती, संदीप यादव, रमन जी, शम्भू यादव, माधव साह, मनोज, अजय, चन्दन, पंकज, यशपाल ,महेंद्र यादव आदि है |
 

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