हनुमान बेनीवाल : राजस्थान में एक युवा जाट नेता का उभार

राजस्थान की राजनीति में एक नयी करवट

Update: 2018-11-05 12:24 GMT

राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए होने वाली कड़ी टक्कर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक रहे हनुमान बेनीवाल निर्णायक कड़ी साबित हो सकते हैं. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की आलोचना करने की वजह से भाजपा से बाहर किया गया यह युवा नेता अपनी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के माध्यम से युवाओं एवं किसानों को संबोधित कर इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहा है. इस पार्टी की घोषणा महज चार दिन पहले जयपुर के हुंकार रैली के दौरान की गयी.

द सिटिज़न के साथ एक बातचीत में श्री बेनीवाल ने बताया कि वे सच्चे अर्थों में स्वतंत्र हैं और भाजपा एवं कांग्रेस, दोनों को चुनौती देने के लिए राजस्थान में “तीसरा मोर्चा” के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जबरदस्त अभियान छेड़ रखा है और यह एलान किया है कि श्रीमती राजे रहें या जायें, अब भाजपा में लौटने का उनका कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कहा, “अब कहां, मेरी अपनी पार्टी है और मैं राजस्थान में तीसरा मोर्चा तैयार करूंगा.”

वे कांग्रेस के साथ गठजोड़ न करने के लिए भी अडिग हैं. उन्होंने जोर देकर कहा, “यह सही है कि उनलोगों ने मुझसे कई बार संपर्क किया है, लेकिन मैं भाजपा और कांग्रेस, दोनों के खिलाफ हूं.”

उनका भाजपा के भीतर सिंधिया – विरोधी रहे एक अन्य नेता, घनश्याम तिवाड़ी, के साथ गठबंधन है. श्री तिवाड़ी ने भाजपा से इस्तीफा देकर भारत वाहिनी पार्टी बनायी है. वे सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक चुने गये हैं और उनकी गिनती राजस्थान में भाजपा को आगे बढ़ाने वाले नेताओं में होती है. उन्हें भाजपा से नहीं निकाला गया, लेकिन उन्होंने श्रीमती सिंधिया के खिलाफ एक जोरदार अभियान छेड़ा और फिर भाजपा से इस्तीफा देकर अपनी एक अलग पार्टी बना ली.

श्री बेनीवाल ने बताया कि उनदोनों का आपस में गठबंधन है और फिलहाल वे आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी के साथ वार्ता कर रहे हैं. उनका दावा है, “अगर यह वार्ता सफल रही, तो हमलोग कम से कम 100 सीटें जीत सकते हैं.”

यह अभी स्पष्ट नहीं है कि भाजपा के भीतर सिंधिया – विरोधी गुट के साथ - साथ कांग्रेस पार्टी के साथ श्री बेनीवाल का कोई संपर्क है या नहीं. गुजरात के हार्दिक पटेल के माफिक श्री बेनीवाल भी भाजपा से आते हैं और उन्होंने भाजपा की “किसान एवं युवा विरोधी नीतियों” के खिलाफ बगावत कर दी. उनका कहना है कि कांग्रेस, जोकि “मुसलमान, मीणा और गुर्जरों” को वोटबैंक के तौर पर इस्तेमाल करती है, के उलट उन्हें सभी समुदाय के युवाओं का समर्थन मिल रहा है क्योंकि वे बेरोजगारी एवं रोजगार के अवसर जैसी उनकी समस्याओं को उठा रहे हैं. 46 वर्षीय बेनीवाल ने जोर देकर कहा, “युवा तेजी से हमारी ओर आकर्षित हो रहे हैं. अपने गठन के महज कुछ ही दिनों के भीतर हमारी पार्टी बेरोजगारी और किसानों एवं जवानों की समस्याओं के खिलाफ एक आंदोलन बन गयी है.”

उन्होंने कहा कि “किसान और जवान” उनकी पार्टी का नारा है और उनका विशेष जोर युवाओं एवं उनकी समस्याओं पर है.

श्री बेनीवाल का राजस्थान में प्रभाव बढ़ रहा है. वे राजस्थान के जाटों के चेहरे के रूप में उभरकर सामने आये हैं और उनकी पहचान इसी रूप में तेजी से बढ़ रही है. जोबनेर – कलवार मार्ग के निकट राजपूत करणी सेना द्वारा उनपर किये गये हमले से उनके बढ़ते प्रभाव का सबूत मिलता है. उस हमले में उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गयी, लेकिन उनका ड्राईवर उन्हें सुरक्षित निकाल ले जाने में सफल रहा. रोचक बात यह है कि इस हमले के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के छात्र संगठन एनएसयूआई ने एक विरोध प्रदर्शन किया. श्री बेनीवाल ने कहा कि वे बदलाव का प्रतिनिधित्व करते हैं और राजस्थान की राजनीति को बदलने के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के लोग भाजपा और कांग्रेस की राजनीति से ऊब चुके हैं और यहां के युवा तीसरे विकल्प की तलाश में हैं. उन्होंने कहा, “मैं इसी तीसरे विकल्प के लिए काम कर रहा हूं.

Similar News

Uncle Sam Has Grown Many Ears

When Gandhi Examined a Bill

Why the Opposition Lost

Why Modi Won