राजस्थान में सचिन पायलट ने परिवारवाद का मुद्दा छेड़ अनेक नेताओं को संकट मे डाला

राजस्थान में सचिन पायलट ने परिवारवाद का मुद्दा छेड़ अनेक नेताओं को संकट मे डाला

Update: 2019-02-06 15:54 GMT

राजस्थान चुनाव समिति की बैठक के ठीक पहले प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने परिवारवाद का एक मुद्दा छेड़कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत दूसरे नेताओं को संकट में डाल दिया है। राजस्थान कांग्रैस अध्यक्ष सचिन पायलट ने ये कहा है कि उनके परिवार का कोई सदस्य लोकसभा चुनाव नही लड़ेगा।अटकलें लगाई जा रही थी कि अपने संसदीय क्षेत्र अजमेर से सचिन पायलट अपनी मां रमा पायलट को चुनाव लड़वाना चाहते हैं ताकि लोकसभा का यह क्षेत्र उनके परिवार में ही सिमटारह सके। परिवारवाद को छोड़कर आम कार्यकर्ताओं को मौका देने की पैरवी करके छह फरवरी को लोकसभा के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर जयपुर मे होने वाली राजस्थान चुनाव समिति की बैठक से पहले सचिन पायलट ने एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला है।

इसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित अनेक नेताओं के सामने एक संकटकी स्थिति मानी जा रही है। राजनीतिक क्षेत्रों में यह चर्चा रही है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने पुत्र वैभव गहलोत की राजनीतिक लांचिंग के लिये सबसे अनुकूल अवसर मानकर लोकसभा चुनाव में मुस्लिम बहुल सीट टोंक-सवाईमाधोपुर से लोकसभा का उन्हें चुनाव लड़वाने की कोशिश में जुटे हुये है। मुख्यमंत्री गहलोत के अलावा कांग्रेस के अनेक नेता भी अपने पुत्र-पुत्री, पत्नी व पुत्रवधुओ के लिये टिकट की जोड़तोड़ में लगे हुये है। मुख्यमंत्री गहलोत के अलावा मंत्री परशादीलाल मीणा अपने पूत्र कमल मीणा के लिये दौसा से, मंत्री प्रमोद भाया जैन अपनी पत्नी उर्मिला जैन के लिये झालावाड-बारां से, मंत्री शांति धारीवाल अपनी पूत्रवधु एकता धारीवाल के कोटा-बूंदी से, मंत्री भंवरलाल मेघवाल अपनी पूत्री बनारसी मेघवाल के लिये बीकानेर व श्रीगंगानगर से, पूर्व मंत्री व विधायक भवरलाल शर्मा अपने पूत्र अनील शर्मा के लिये चूरु से, विधायक विजेंदर ओला अपनी पत्नी राजबाला के लिये चूरु से, पूर्व सांसद बद्री जाखड़ अपनी पुत्री मुन्नी देवी के लिये पाली से, पूर्व मंत्री व विधायक परशराम मोरदिया अपने पुत्र राकेश मोरदिया के लिए बीकानेर से, विधायक दीपेन्द्र सिंह शेखावत अपने पुत्र बालेन्दु के लिये जालोर-सिरोही से, पूर्व मंत्री कनकमल कटारा अपने पुत्र विवेक कटारा के लिये उदयपुर से, विधायक मुरारी मीणा अपनी पत्नी सविता मीणा के लिये दौसा से, विधायक राजकुमार शर्मा अपने भाई राजपाल के लिये जयपुर से, मुख्य सचेतक महेश जोशी अपने पुत्र रोहित जौशी के लिये जयपुर ग्रामीण व जयपुर शहर से, पूर्व मंत्री हरेन्द्र मिर्धा अपने पुत्र राघवेंद्र मिर्धा के लिये नागौर से, पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की पत्नी व विधायक दिव्या मदेरणा की मां लीला मदेरणा स्वयं जोधपुर से, पूर्व मंत्री नाथूराम मिर्धा की पुत्री ज्योती मिर्धा स्वयं नागौर से टिकट चाह रहे है।

राजस्थान में दिग्गज कांग्रेस नेताओं के द्वारा परिवारवाद को बढावा देने के लिये अपने परिवार के सदस्यों के लिये लोकसभा की टिकट चाहने वालो की एक लम्बी सूची कायम है। लेकिन प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के ताजा ब्यान को कि वो परिवारवाद पर नही चलेंगे और आम कार्यकर्ता को लोकसभा टिकट मिलने की वकालत के बाद जयपुर में चुनाव समिति के बैठक का स्वर बदल देने की कोशिश के रुप में लिया गया है।
 

Similar News

Uncle Sam Has Grown Many Ears

When Gandhi Examined a Bill

Why the Opposition Lost

Why Modi Won